Thursday, 15 May 2014

मेरी माँ  और मौसी दो भाइओ से  ब्याही थी , घर बड़ा था ,,,ग्राउंड फ्लोर पर दो दुकान थी , एक मेरे पिता की जो टेलरिंग का काम करते थे/ दूसरी मेरी कजिन की केमिस्ट की,,मेरे कजिन का नाम अशोक है/ उसकी  शादी हुई तो हम सब बड़े खुश थे क्योकि घर  बड़ा था और मेरे मौसा जी  में नहीं थे /

शादी बड़ी धूमधाम से हुई / भाभी का नाम स्नेह था /जब भइआ भाभी हनीमून से वापिस आये तो बात बिगड़ी हुई थी / भाभी अपने मइके वापिस चली गयी / भइआ पे  इलज़ाम लगाया की वो इम्पोटेंट है यानि की अशोक  सेक्स करने के काबिल नहीं है/ घर में फुसफुसाहट होने लगी/  खैर अशोक और में बहुत ही फ्रैंक थे/ क्योकि मेरी जिसके साथ  रिलेशन थे, वो अशोक का दोस्त था / इसलिए हम एकदूसरे के साथ खुल कर  बात कर  लेते थे /

जब सब लोग इधर उधर हो गए तो  मौका देख कर में अशोक के कमरे में गयी /यह जानने के लिए आखिर हुआ क्या /मेरे को देख अशोक ने कहा उम्मीद है की तू तो समजती है / अशोक ने बताया की हनीमून पर  उसका दोस्त भी पहुंच गया था / अशोक कहता  में होटल में बैठा रहता और स्नेह अपने फ्रेंड के साथ गुमति रहती /
इस तरह उनकी कई बार लड़ाई भी हुई / बड़ा दुःख हुआ यह सुन कर /अगर पहले से यह बता देती तो इतना खर्च करने की जरूरत नहीं होती / अब इस इश्क से दो घर बर्बाद गए / अशोक से पुछा भी कोई सेक्स वग्रह भी किया या नहीं / अशोक ने बताया २/३ बार किया पर वो खुश नहीं होती  थी / मुझे नहीं मालूम वो किस तरह का सेक्स चाहती थी / बल्कि कई बार सेक्स करने के बाद मेरा मज़ाक भी उड़ा देती / और ख़ास कर मेरे लंड(अशोक ने अपने लण्ड की तरफ इशारा कर के कहा ) को देख कर हंस देती थी / अशोक और भावुक हो गया और उसने अपनी पैंट खोल कर अंडर वेअर नीचे कर के मुझे दिखाया के देख , कोई कमी नज़र आती है/ (शायद वो भूल गया में उसकी  बहन हूँ ) मेने भी कहा कोई कमी नहीं तुम तो एकदम फिट लगते हो /

मेरा चक्कर जिस से चल रहा था /एक दिन मेने उसको किसी और लड़की के साथ देख लिया /बस मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर/ बहुत  लड़ाई हुई /उसने टौन्ट मार दिया हम तेरे भाई की तरह नामर्द नहीं है / मर्द है ४/५ गर्लफ्रेंड तो होनी ही चािहए /उस कुत्ते से मेरी दोस्ती टूट गयी और मेने अशोक को  यह साड़ी बात बताई / उसे फिर दिल पर चोट लगी /लोग उसके बारी क्या सोचते है/ मेरा भी कोई इरादा उसके दिल दुखाने का नहीं था/ पर कुछ बाते हो जाती है/  अशोक की दूकान सुबह ९ बजे खुलती और रात १० बजे बंद होती है दिन में २ बजे से ६ बजे तक तक घर  आराम करता है/ उस वक्क्त में भी कॉलेज  से आती  हूँ / शादी  के बाद से हमारी नजदीकियां और  भी बड़  गयी / अब हम दोनों इकठा लंच करते थे/ में अगर लेट  जाऊ  मेरा इंतज़ार कर लेता / घर वाले  सभी खुश/ की में उसकी मदद कर रही हूँ / अब हम दोनों एक ही कमरे बैठे रहते /कभी टीवी देखते कभी इधर उधर की बाते करते ,  कभी जोक्स सुनते सुनाते , अब तो हम सेक्स की बाते करने लगे थे / मेरे को उसने बताया की उसने कभी भी किसी लड़की के साथ न किस  किया  सेक्स किया स्नेह उसकी ज़िंदगी  पहली लड़की थी/ इसलिए उसने दिल  लगा ली/ फिर उसने मुझ से पुछा तो मेने भी सच सच बता दिया उसका दोस्त मेरी ज़िंदगी में पहला आदमी था / उसके साथ किस         भी और सेक्स भी किया है /

 फिर काफी देर तक दोनों  बैठे रहे / वो बेड पर लेट गया / मुझे लगा वो नाराज़ है में भी उसके बगल में लेट गयी /उसके बाल सहलाने लगी/उसके गाल पे हाथ फेरने लगी / अचानक उसको जोश आया और उसने मुझ कस  के पकड़ लिया , और किसिंग करण्ये लगा /पूरी तरह वो मेरे उप्पर लेटा था /  चुचिओं (बूब्स) को दबा /मसल रहा था / मुझे भी लुत्फ़ आ रहा था क्योकि काफी दिन से एक ही कमरे और एकेले रहते रहते कुछ न कुछ हो ही जाता है / मेने जल्दी से उसके कपड़े उतरने शुरू कर दिए और उसने मेरे / अब दोनों नंगे बेड़ पर एक दूसरे से चिपके हुए  एक दूसरे को चाट रहे थे/ मेरा हाथ सीधा उसके लण्ड पर गया वो मजबूती  से  खड़ा  था / बहुत बड़ा साइज नहीं था यही कोई ५ इंच का होगा (तभी स्नेह भाभी भाग गयी ) खैर मुझे क्या  लेना देना / मुझी फिलहाल  अपना मज़ा लेना था/   मेने उसके लंड को पकड़ कर उप्पर नीचे किया, फिर मूह में डाल कर चूसने लगी / यह क्या वो तो डिस्चार्ज हो गया /  ढीला पड़ गया / में समअज गयी की यह अब सेंटी हो जाए गा / अपने आप को कोसे गा / मेने होसला दिया कोई बात नहीं हम ४. /५ सेक्स करे गे तो   प्रैक्टिस हो जाई गी / अगले दिन खाना खाने के बाद मेने उसके लण्ड  की मालिश की पर वो फिर डिस्चार्ज हो गए / मेने अपनी चूत उसकी मूह की तरफ  बोला अब इसको चाटो और  लैंड अपने मूह में डाल कर फिर चूसने लगी / इस तरह उसका  करने का टाइमिंग बढ़ने लगा /   वो रोज़ मेरी चूत चाटता था  और में  लण्ड / फिर उसने मेरी चूत के अंदर लण्ड डालना शुरू किया फिर फिर जल्दी जड़ गया, लड़कोको  इस  बात का काम्प्लेक्स हो जाता है /  मेने फिर उसको कहा अपनी दूकान से  वियाग्रा ले  कर आना / अगले दिन वो  गोली लाया ।  खाना खाने के बाद उसको गोली खिला दी फिर थोड़ी देर बाद मेने कहा पहले तू मेरी चूत चाट ले तेरे में जोश  ग / उसने वैसा ही किया   जब अच्छी तरह से उसका लण्ड खड़ा हो गया तो मेने  सीधा पकड़ के अपनी चूत में दाल दिया और बोला मेरे उप्पर लेट जा अभी तेज ढके नहीं मारना / पहले मेरे बूब्स को चूसो लण्ड को मेरी चूत पड़ा रहने दो /  वो ठीक  वैसा ही कर रहा था जैसा में कह रही थी /   अब काफी  तक  बूब्स चूसने के बाद अब मेने कहा अब ढके मारो ,,,,,,अब वो खुश था क्योकि  उसको लग गया की अब वो सही तरह से सेक्स कर सकता है। ।उस्के चेहरे पे ख़ुशी थी ,,,,कॉन्फिडेंस था ,,,,चलो बहन किसी बहाने भाई के काम तो आई ,,,,,,, यह सिलसिला २ साल चला किसी  को भी घर नहीं पता चला ,,,,,मेरी भी शादी हो गयी उसकी दूसरी शादी हो गयी ,,,दोनों अपनी अपनी जगह खुश। ..........   






 

doodh ka karz

बच्चा होते ही एक महीने के अंदर अंदर  उसकी मौत हो गयी,,बड़ा ही दुख हुआ।  काफी दिन तक ठीक तरह से सो न पायी।  रोती  रहती और उसको याद करती रहती। मेरा पति जल्दी सम्बल  गये।  उनोहने काम में जाना शुरू कर दिया। सास मेरी ज़यादा तर पूजा पाठ मे लगी रहती थी।  में एकेली और एक देवर जो १५ का साल का था, वो अभी स्कूल जाता था।

कुछ दिन के बाद मुझे मेरे बूब्स (चूचियो ) में दर्द होने लगा शायद दूध जम हो रहा था।  मेने अपने पति  से बात की , वो कहने लगे बिट्टू को साथ ले जा कर डॉक्टर को दिखा दो।  क्योकि डॉक्टर की डिस्पेंसरी दूर थी।  इसलिए उसको साथ ले जाना पड़ा।  डॉक्टर ने देखा तो बोली दूध , बाहिर न निकलने से अन्दर गाँठ बन गयी है।  कुछ दवाई लिख दी।  पैर दर्द बढ़ता ही जा रहा था , यहाँ तक की बूब्स उपर नीचे होने पर तो और भी जयादा दर्द रहने लगा।   फिर बिट्टू को ले कर डॉ के पास गयी।  उसने कहा बाजार स मिल्क सकर आता है वो खरीद लो ,उस्स्को निप्पल पे लगाओ फ़िर दूध बाहिर आने लगेगा। केमिस्ट से वो मिलकसाकर ख़रीदा  तो बिट्टू ने पुछा भाभी यह क्या है और किस काम आता है।  पहेली तो मेने टाल दिया।  फिर २/३ दफा पूछने पर उसको बताया कि मेरे ब्रैस्ट मे दूध जमा हो गया है क, इसकी वजह से बहुत दर्द होती है।  , उसने फिर कई और प्रश्न कर डाले , सोच में पड़  गयी , क्या जवाब दू।

जैसे तैसे घर आ गए , में चुप चाप अपने कमरे में आ कर लेट गयी, थोड़ी देर बाद बिट्टू आया , तो पूछने लगा भाभी मे  क्या तुम्हारी हेल्प कर सकता हूँ।  में उसको देखने लगी।  उसके दिल में मेरे लिय वाकई हमदर्दी थी।  वो मेरा रोना और दर्द सहन नहीं कर प् रह था।  में दूसरी तरफ मुँह करके रोती रही वो मेरे पास बैठा रहा।  फिर अचानक मेरे दिमाग में आया कि चलो इसको कहती हूँ की मेरा दूध पी ले ,,,फिर सोच के यह १५ साल का लड़का है ,,,जवान हो रहा है कही गलत मतलब न निकाल ले।   इसी कश्मकश मे थी की उसने मेरे मूह को अपने हाथ में ले कर रोने लगा , हम दोनों गले मिल कर रो पड़े।  मेने जल्दी से अपने को संभाला फ़िर उसको भी चुप कराया , कुछ इधर उधर कि बात की , ताकि उसका ध्यान कही और लग जाए। थोड़ी देर तक खामोशी छायी रही , फिर मेने हि कहा बिट्टू अगर तुम मेरी हेल्प करना चाहते हो तो यह बात किसी को पता नहीं लगनी चाहिए ,मुजे पहले प्रॉमिस करो,,उसने कहा ठीक है। 

मेने  उसका मुँह को अपने हाथ में लिए थोड़ा सा प्यार किया , फिर मेने अपना एक बूब निकाल कर उसको मूह मे लगा दिया, वो चूसने लगा ,,,थोड़ी देर में दूध निकलने लगा ,, इस तरह फिर दूसरा बूब उसके मूह मे लग दिया  . इसी तरह वो २०/२५ मिनट तक एक बूब चूसता कभी दूसरा , मुझे भी लगा कुछ बदलाव है।  फिर इसी तरह कई दिन तक मेरा दूध  वो पीता  रह।  मुझे जैसे आराम आने लग.,शुरू शुरु मे वो खड़े खड़े ही पीटा थ , वो में बीएड पैर बैठ जाती थे वो पीता रहता था।  एक दिन में लेटी  हुई थी बिट्टू आया  कहा  भाभी , में भी लेट जाऊ आपके पास , मेने कहा कोई बात नहीं, मेने उसदिन गाउन पहन रखा था।  नीचे कुछ नहीं पहन रखा था।  जब बिट्टू ने बूब्स चूसने के लिए हाथ बढ़ाया तो सारा गाउन उपर करना पड़ा यानि के आज पहली बार उसने मुझे बिल्कुल नंगा देख थ, उसका दिल जोर जोर से धड़क रह था।  मे समज  गयी कि आज बिट्टू मे सेक्स की आग लग गयी है , गलती मेरी थी , मेने उसे प्यार करना शुरू किया ,,उसके सर पर हाथ फेरा , उसके गाल चूम कर उसकी कमर  पर हाथ फेरा।    अब में महसूस कर रही थी उसका लण्ड  पूरी तरह से खड़ा हो चूका था , वो मेरे चूत के साथ रगड़ने कि कोशिश कर रहा थ.यह सब कुछ बिन प्लानिंग के हो रह था।  में सोच नहीं प् रहि थी की किस तरह से पेश आऊ।  मना करू य न करू। धीरे धीरे बिट्टू क हाथ मेरी चूत की तरफ बढ़ने लगा।  वो मेरे चूत के बालो से खेलने लग।  मने कई  दिन  से नीचे के बाल साफ़ नहीं किये थे। फिर उसकी उंगलिआ मेरी चूत के चारो तरफ़ गुमने लगी ।   वो एक तरफ से दूध पी रहा था और दूसरी तरफ सारे शरीर पर हाथ फेर रह थ. मुझे भी सेक्स का नाश चढ़ने लग , मेने भी उसका मुँह उप्पर केर चूमने लगी ,किसिंग करने लगी ।  अब मैने उसको अपने ऊपर लिटा लिया ।  मेने अपनी टांगे खोल दी।  अब उसको बोला की अपने कपडे भी उतार दे।  उसने  जल्दी से निकर और अंडर वियर उतार दिया ।  मेने उसका लंड हाथ में पकड़ केर उप्पर नीचे करना शुरू केर दिया  , वो बहुत ही जल्द डिस्चार्ज हो गया।   वो शर्मा गया।  मेने कहा चल कोई बात नहीं फिर कभी ,,,तुम मेरी चूत को चात लो ।  उसने वैसा ही किया ।   थोड़ी देर बाद मेने  उसको कहा यह बात किसी से न कहना  अब मेरा दर्द भी बहुत काम हो गया है,,,यह सब तेरी हेल्प से हुआ है । ।मेने आज तेरी हेल्प केर दी ।   वो निराश हो गया  लगा आज के बाद शयद कुछ नहीं होगा ।  मेने उसको कहा निराश नहीं हो कभी कभी में तुज खुश कर दूँगी पैर रोज़ नहीं,,,नहीं तो तेरी पढ़ाई ख़राब हो जाय गी ।  एक बार फिर मेने उसको एक लम्बी होठो में होठ दाल केर किस्स  की ,,,,,फिर वो चुप चाप चला गया अपने कमरे में,,,,,,,,,,,,,,,,, 

Wednesday, 14 May 2014

bank manager

मेने  जिस  से शादी की  वो  बैंक का मेनेजर था , उसको बस बैंक और पैसे के बारे हि बाते  करना अच्छा लगता है , कोई सेक्सी बात नही कोई मजा  लेने वाली बात नहीं नहीं,,,रात को बस सेक्स करते  तो भी ऐसा लगता जेसे कोइ मेहरबानी कर रहा हो ,,,मुझे  सेक्स की आग लगी हो तो कहाँ जाओ ,,,उसके माँ बाप उसी घर में रहते थे। बड़ी दुविधा  में थी की अचानक उनकी बदली किसी दूसरे शहर में हो गयी।  मेने सोचा  शायद बार ज कैर थोड़ा बहुत बदल जाये गे।  पैर ऐस नहीं  हुआ।  फिर एक दिन कहा।  आज मेरे ब्रांच के कुछ मित्र आये गे खाना  बना  लोगी।  मेने  हाँ कह दी।  क्योकि में भी कुछ नए लोगो से जान पहचान बडाना  चाहती थी , ताकि मेरी भी प्यास बुज  सके।   तीन लोग आये , मेने सब की बड़े प्यार से आवबगत  कि , कोई न कोई तो सेवा का फल देगा।
अगले ही दिन राणा साहिब का मैसेज  आया।  खाना बहुत ही अच्छा था , शुक्रिया। 

मेने उने भी  थैंक  किया और फिर आने की ऑफर दिया। वो आदमी चालु थ फोरन समज गया।  उसको एक दिन मालूम था की आज ऑफिस में काम बहुत है रात ११/१२ बज जाये गे, वो मेरे पति को मिलने के  बहाने से घर में आ गया।  मेने चाय पूछी और कहा आज वो लेट आये गे।  फिर वो इधर उधर कि बात करते हुए सीधे सेक्स की बात करने लगा।  में भी खुल कर बात कर रह थी।  वो सोफे से उठा और मेरे बाहो को पकड़ क मुझे चूमने लगा किसिंग करने लगा।  मेने ऐसे ही कह दिया कोइ आ जाए गागा,,बदनामी हो जाए गी।  वो कहने लगा चिंता मत करो तुम मुझे खुश कर दो , फिर देखो तुम्हारा पति कहाँ से कहाँ पहुच जाता है. . में उसकी बातों में आ गयी।  खैर पति का तो कुछ नहीं हुआ पैर मेरी प्यास अब  थोड़ी कम हुई।  वो साल बड़ा ही चोदु था , वो किस करता तो लगता था मेरे होठ को खा जाये ग,,,,मेरी चूचिओ को ऐसे रगड़ता ,मसलता  जैसे उसके बाप का माल हो , और चूत को ऐसे चाटता था मानो कि इसके बाद कभी मिले गी नही।  और जब लंड मेरी चूत में डालता  तो और धके मार मार कर लाल कर देता था।   बड़ा मजा आ रहा था।  यह सिलसिला कै महीने चला।  फिर एक दिन पता चला मेरे भोंदूराम (पति) की ट्रांसफर फ़िर वापिस अपने शहर में हो गयी।    फिर वही सूनी सूनी राते ,,,काश कोई रास्ता मिल जाए। ।कोइ नया यार जिसके पास जगह भी हो इस उम्मीद पर। ………………। 

Tuesday, 13 May 2014

Mein jab sexy stories padti hoon to lagta tha jaise log jhooth likhtey hai,,,jaise mene bhabhi ki chudai ki,,,,mene behen ko choda,,,,,mere jeeja ji ne lund mujh me daala vagrah vagrah......per kabhi kabhi aisa ho bhi jata hai,,,,mein batati hoon jab kuchh mahino ke baad apne maike aayi to mera bhai meri maa aur pita ji bahut khush hue,,,pehle din to ham lagbhag raat 2 baje tak baatey kertye rahe,,,,dusre din pita je to 10 baje so gaye mummy be  11.30 per so gayi aur mein b sone chali gayi....per mujhe neend nahi aa rahi thee. raat ke 2 baj rahe the mein bahir aayi to dekha mere bhai ke kamre ki light jag rahi mene ahista se aayi soch bhai se koi novel le ker padne baith jaao gi,,,fir neend aa jaye gi.
mein dheery dheery uske kamre ka door khola to dekha mera bhai bilkul nanga bed per leta apne ;;lund;; ko pakad ker muth maar raha tha,,,sath me laptop per porn movies dekh raha tha. muje dekh ker gabra gaya ,,,mene use pyaar se poochha yeh kya ho raha hai,,,,,nahi didi kuch nahi,,,fir mene laptop per movies dekhi,,,mene us kaha just relax mein kisi ko kuchh nahi kahoogi,,,baith jaao.
mene bhi uske sath baith ker movie dekhi.mere bhi neechey se geeli ho gayi.  mene apne bhai ko kaha apna lund to dikha bahut bada lagta hai,,,wo sharma gaya ,,,mene chadar hata ker dekha wo poori tarah tan ke khada tha,,,8 inch ka hoga mota aur jawaan.   mera to dil dak dak karney laga .

mene uske lund ko pakad ker upar neechey karney lagi usko maza aaney laga aur muje bhi.   mene uth ker pehle light off ker di aur uske saath le gayi,,,mene bhi saarye kapde utaar diye ,   aur apne bhai ko apne upar lita diya.   bas fir kya tha uski jawani ka josh shuru ho gaya wo kabhi kissing karta kabhi meri choochion ko maslata/ragadta aur jor jor se dabata..mujhe to lagne laga swarg me aa gayi. itna josh.  ab mujh se nahi rha ja raha tha mene bhai ko request ki daal they apna lund meri choot me.
Didi logo ko pata lage to kya kahe ge.  mene kaha sex me koi bhai behn nahi, tere ko bhookh lage gi to roti khaaye ga nahi roti mile gi to bread khaaye ga,,,,yahi haal hai sex ka...don't worry yeh baat tere aur mere beech me rahe gi..bas tu ab der nahi ker chode de mujhe.....usne apna lund jaise hi daala mere mooh se chhekh nikal gayi,,,usne fatafat mere mooh per haath rakh diya....yaar kya size tha,,,kamaal ka sach mein maza aa gaya....usne fir dhake maarney shuru ker diye ,,,wah dil ker raha  tha bas tu yuh hi mujhe chodta reh aur mein tere se yuh chdti rahoon......30 minuts tak usne meri chdai ki,,,fir wo discharge ho gaya ,,,mene usko lamba sa kiss kiya,,,,bola I love u bhai,,,u r great...aur kamre me laut aayi.

Monday, 12 May 2014

Hello, mera naam kalpana hai,,me 35 saal ki hoon aur mera figure badia hai,,,meri shaadi chhoti umer me mere hi rishtey daar ke saath ho gayi thee.  Isliye mujhey kisis paraaye mard ka sparsh aur saath nahi mila ,,,meri zindgi mera pati aur mere do bacho ke beech hi thee, ek di mere husband ko office ke kaam per Mumbai jana ped gaya, aur is beech meri behen aayi aur do dino ke liye bachey saath le gayi,. Us din Saturday tha, ghar me bilkul ekali,,mere ghar kaam karney wala ladka jo ki lagbag 15/16 ka hoga aaya,,wo har jawaan lady ko didi kehta hai aur ladke ko bhaia,, bahut hi seedha ladka hai.  Us ki ladki jaisi  chaal aur ladki jaisi awaaj hai, Mera man nahi lag raha tha to usse baatey karney lagi,,wo kis kis ghar me karta hai,,,kon si didi uski khaas hai,kis kis wo jyada pasand karta hai. baato baato me usne bataaya ki ek didi usse haftey 2/3 baar full body massage karwati hai. me thoda chup ho gai,,wo apna gar ki safaai,vagrah karta raha. Jaise kaam khatam karke jaane laga to mene kaha subhash mera sar dard ho raha hai, sar ki maalish ker doge, bola haan didi.  kab karni hai abhi ya dopar ko..mene kaha kaam khatam ker ke 2 baje aa jana.

Subhash 2 baje aa gaya mere dil me halchal machi hui thee kya karoon. mene khaney ke liya poocha, bola didi khana kha liya hai,,,bina kuch bole washroom gaya wahan se sarson ka tel le aaya, bejijak ho ker bola didi yahan baitho, wo uppar stool per baith gaya aur me neechey baith gayi. Badi achhi maalish ker raha tha ,mujhey neend si aaney lagi ya kaho nasha chadney laga.  Sir ki maalish karney ke baad wo bhi mere paas baith gaya,,aur mere foot aur legs ki maalish karney laga.Ahista ahista wo aagey bad raha tha per me mana nahi ker pa rahi thee. Fir me floor per ulta late gayi, wo meri poori neechey se uppar tak achey tareeke tel laga ker maalish ker raha tha. Mera hosh gum tha. Fir wo peticot aur blouz ke beech me kamar ke hissey pe maalish karney laga. Ab mera dil bekaabu ho gaya  mene fir saarey kapdey utaar diye aur use kaha jaise tum dusro ki maalish kartey ho wesi meri bhi karo.   Usne tel laga ker meri choochion ko dabana aur ragdna shuru ker diya pet per aur dono legs ke beech me jab tel lagaaya to mere jor jor ki awaaj nikelne lagi,  usne meri choot ke aaspaas achhi tarah se tel laga ker ragda ,,,ab muj se na raha gaya. mene uska pakad ker uski unglia apni choot me daal di aur usko bola andar baar karo,,,usne wesa hi kiya....Bada maza aa raha tha. Dil ker raha tha koi mota sa lund mil jaaye aur use aise choot me daal ker laity rahoon.

Fir usne meri choot ko chatna shuru ker diya...Meri to cheekh hi nikal ghayi..Mene jaldi se usko pakad ker uski pant khol di.  Oh dekh ker dukh hua uska lund nahi chhoti si luli thee..Me bhool gayi thee na wo mard tha na wo aurat.   Me sex se paagal ho chuki thee oer usper taras bhi aaya...wo bahut sharminda bhi hua...mene uska dil rakhney ke liye uski chhoti si luli ko pyaar kiya..mooh me liya.
fir usko kaha tum bahut hi achhi maalish karty ho...thanks,,,,,,,Wo din aur wo raat me poori tarah pyasi rahi,,,,mujhey ek lund nahi naseeb hua.wo aag aaj bhi mere seeney me hai...pata nahi kab buje gi.........