मेरी माँ और मौसी दो भाइओ से ब्याही थी , घर बड़ा था ,,,ग्राउंड फ्लोर पर दो दुकान थी , एक मेरे पिता की जो टेलरिंग का काम करते थे/ दूसरी मेरी कजिन की केमिस्ट की,,मेरे कजिन का नाम अशोक है/ उसकी शादी हुई तो हम सब बड़े खुश थे क्योकि घर बड़ा था और मेरे मौसा जी में नहीं थे /
शादी बड़ी धूमधाम से हुई / भाभी का नाम स्नेह था /जब भइआ भाभी हनीमून से वापिस आये तो बात बिगड़ी हुई थी / भाभी अपने मइके वापिस चली गयी / भइआ पे इलज़ाम लगाया की वो इम्पोटेंट है यानि की अशोक सेक्स करने के काबिल नहीं है/ घर में फुसफुसाहट होने लगी/ खैर अशोक और में बहुत ही फ्रैंक थे/ क्योकि मेरी जिसके साथ रिलेशन थे, वो अशोक का दोस्त था / इसलिए हम एकदूसरे के साथ खुल कर बात कर लेते थे /
जब सब लोग इधर उधर हो गए तो मौका देख कर में अशोक के कमरे में गयी /यह जानने के लिए आखिर हुआ क्या /मेरे को देख अशोक ने कहा उम्मीद है की तू तो समजती है / अशोक ने बताया की हनीमून पर उसका दोस्त भी पहुंच गया था / अशोक कहता में होटल में बैठा रहता और स्नेह अपने फ्रेंड के साथ गुमति रहती /
इस तरह उनकी कई बार लड़ाई भी हुई / बड़ा दुःख हुआ यह सुन कर /अगर पहले से यह बता देती तो इतना खर्च करने की जरूरत नहीं होती / अब इस इश्क से दो घर बर्बाद गए / अशोक से पुछा भी कोई सेक्स वग्रह भी किया या नहीं / अशोक ने बताया २/३ बार किया पर वो खुश नहीं होती थी / मुझे नहीं मालूम वो किस तरह का सेक्स चाहती थी / बल्कि कई बार सेक्स करने के बाद मेरा मज़ाक भी उड़ा देती / और ख़ास कर मेरे लंड(अशोक ने अपने लण्ड की तरफ इशारा कर के कहा ) को देख कर हंस देती थी / अशोक और भावुक हो गया और उसने अपनी पैंट खोल कर अंडर वेअर नीचे कर के मुझे दिखाया के देख , कोई कमी नज़र आती है/ (शायद वो भूल गया में उसकी बहन हूँ ) मेने भी कहा कोई कमी नहीं तुम तो एकदम फिट लगते हो /
मेरा चक्कर जिस से चल रहा था /एक दिन मेने उसको किसी और लड़की के साथ देख लिया /बस मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर/ बहुत लड़ाई हुई /उसने टौन्ट मार दिया हम तेरे भाई की तरह नामर्द नहीं है / मर्द है ४/५ गर्लफ्रेंड तो होनी ही चािहए /उस कुत्ते से मेरी दोस्ती टूट गयी और मेने अशोक को यह साड़ी बात बताई / उसे फिर दिल पर चोट लगी /लोग उसके बारी क्या सोचते है/ मेरा भी कोई इरादा उसके दिल दुखाने का नहीं था/ पर कुछ बाते हो जाती है/ अशोक की दूकान सुबह ९ बजे खुलती और रात १० बजे बंद होती है दिन में २ बजे से ६ बजे तक तक घर आराम करता है/ उस वक्क्त में भी कॉलेज से आती हूँ / शादी के बाद से हमारी नजदीकियां और भी बड़ गयी / अब हम दोनों इकठा लंच करते थे/ में अगर लेट जाऊ मेरा इंतज़ार कर लेता / घर वाले सभी खुश/ की में उसकी मदद कर रही हूँ / अब हम दोनों एक ही कमरे बैठे रहते /कभी टीवी देखते कभी इधर उधर की बाते करते , कभी जोक्स सुनते सुनाते , अब तो हम सेक्स की बाते करने लगे थे / मेरे को उसने बताया की उसने कभी भी किसी लड़की के साथ न किस किया सेक्स किया स्नेह उसकी ज़िंदगी पहली लड़की थी/ इसलिए उसने दिल लगा ली/ फिर उसने मुझ से पुछा तो मेने भी सच सच बता दिया उसका दोस्त मेरी ज़िंदगी में पहला आदमी था / उसके साथ किस भी और सेक्स भी किया है /
फिर काफी देर तक दोनों बैठे रहे / वो बेड पर लेट गया / मुझे लगा वो नाराज़ है में भी उसके बगल में लेट गयी /उसके बाल सहलाने लगी/उसके गाल पे हाथ फेरने लगी / अचानक उसको जोश आया और उसने मुझ कस के पकड़ लिया , और किसिंग करण्ये लगा /पूरी तरह वो मेरे उप्पर लेटा था / चुचिओं (बूब्स) को दबा /मसल रहा था / मुझे भी लुत्फ़ आ रहा था क्योकि काफी दिन से एक ही कमरे और एकेले रहते रहते कुछ न कुछ हो ही जाता है / मेने जल्दी से उसके कपड़े उतरने शुरू कर दिए और उसने मेरे / अब दोनों नंगे बेड़ पर एक दूसरे से चिपके हुए एक दूसरे को चाट रहे थे/ मेरा हाथ सीधा उसके लण्ड पर गया वो मजबूती से खड़ा था / बहुत बड़ा साइज नहीं था यही कोई ५ इंच का होगा (तभी स्नेह भाभी भाग गयी ) खैर मुझे क्या लेना देना / मुझी फिलहाल अपना मज़ा लेना था/ मेने उसके लंड को पकड़ कर उप्पर नीचे किया, फिर मूह में डाल कर चूसने लगी / यह क्या वो तो डिस्चार्ज हो गया / ढीला पड़ गया / में समअज गयी की यह अब सेंटी हो जाए गा / अपने आप को कोसे गा / मेने होसला दिया कोई बात नहीं हम ४. /५ सेक्स करे गे तो प्रैक्टिस हो जाई गी / अगले दिन खाना खाने के बाद मेने उसके लण्ड की मालिश की पर वो फिर डिस्चार्ज हो गए / मेने अपनी चूत उसकी मूह की तरफ बोला अब इसको चाटो और लैंड अपने मूह में डाल कर फिर चूसने लगी / इस तरह उसका करने का टाइमिंग बढ़ने लगा / वो रोज़ मेरी चूत चाटता था और में लण्ड / फिर उसने मेरी चूत के अंदर लण्ड डालना शुरू किया फिर फिर जल्दी जड़ गया, लड़कोको इस बात का काम्प्लेक्स हो जाता है / मेने फिर उसको कहा अपनी दूकान से वियाग्रा ले कर आना / अगले दिन वो गोली लाया । खाना खाने के बाद उसको गोली खिला दी फिर थोड़ी देर बाद मेने कहा पहले तू मेरी चूत चाट ले तेरे में जोश ग / उसने वैसा ही किया जब अच्छी तरह से उसका लण्ड खड़ा हो गया तो मेने सीधा पकड़ के अपनी चूत में दाल दिया और बोला मेरे उप्पर लेट जा अभी तेज ढके नहीं मारना / पहले मेरे बूब्स को चूसो लण्ड को मेरी चूत पड़ा रहने दो / वो ठीक वैसा ही कर रहा था जैसा में कह रही थी / अब काफी तक बूब्स चूसने के बाद अब मेने कहा अब ढके मारो ,,,,,,अब वो खुश था क्योकि उसको लग गया की अब वो सही तरह से सेक्स कर सकता है। ।उस्के चेहरे पे ख़ुशी थी ,,,,कॉन्फिडेंस था ,,,,चलो बहन किसी बहाने भाई के काम तो आई ,,,,,,, यह सिलसिला २ साल चला किसी को भी घर नहीं पता चला ,,,,,मेरी भी शादी हो गयी उसकी दूसरी शादी हो गयी ,,,दोनों अपनी अपनी जगह खुश। ..........
शादी बड़ी धूमधाम से हुई / भाभी का नाम स्नेह था /जब भइआ भाभी हनीमून से वापिस आये तो बात बिगड़ी हुई थी / भाभी अपने मइके वापिस चली गयी / भइआ पे इलज़ाम लगाया की वो इम्पोटेंट है यानि की अशोक सेक्स करने के काबिल नहीं है/ घर में फुसफुसाहट होने लगी/ खैर अशोक और में बहुत ही फ्रैंक थे/ क्योकि मेरी जिसके साथ रिलेशन थे, वो अशोक का दोस्त था / इसलिए हम एकदूसरे के साथ खुल कर बात कर लेते थे /
जब सब लोग इधर उधर हो गए तो मौका देख कर में अशोक के कमरे में गयी /यह जानने के लिए आखिर हुआ क्या /मेरे को देख अशोक ने कहा उम्मीद है की तू तो समजती है / अशोक ने बताया की हनीमून पर उसका दोस्त भी पहुंच गया था / अशोक कहता में होटल में बैठा रहता और स्नेह अपने फ्रेंड के साथ गुमति रहती /
इस तरह उनकी कई बार लड़ाई भी हुई / बड़ा दुःख हुआ यह सुन कर /अगर पहले से यह बता देती तो इतना खर्च करने की जरूरत नहीं होती / अब इस इश्क से दो घर बर्बाद गए / अशोक से पुछा भी कोई सेक्स वग्रह भी किया या नहीं / अशोक ने बताया २/३ बार किया पर वो खुश नहीं होती थी / मुझे नहीं मालूम वो किस तरह का सेक्स चाहती थी / बल्कि कई बार सेक्स करने के बाद मेरा मज़ाक भी उड़ा देती / और ख़ास कर मेरे लंड(अशोक ने अपने लण्ड की तरफ इशारा कर के कहा ) को देख कर हंस देती थी / अशोक और भावुक हो गया और उसने अपनी पैंट खोल कर अंडर वेअर नीचे कर के मुझे दिखाया के देख , कोई कमी नज़र आती है/ (शायद वो भूल गया में उसकी बहन हूँ ) मेने भी कहा कोई कमी नहीं तुम तो एकदम फिट लगते हो /
मेरा चक्कर जिस से चल रहा था /एक दिन मेने उसको किसी और लड़की के साथ देख लिया /बस मेरा गुस्सा सातवें आसमान पर/ बहुत लड़ाई हुई /उसने टौन्ट मार दिया हम तेरे भाई की तरह नामर्द नहीं है / मर्द है ४/५ गर्लफ्रेंड तो होनी ही चािहए /उस कुत्ते से मेरी दोस्ती टूट गयी और मेने अशोक को यह साड़ी बात बताई / उसे फिर दिल पर चोट लगी /लोग उसके बारी क्या सोचते है/ मेरा भी कोई इरादा उसके दिल दुखाने का नहीं था/ पर कुछ बाते हो जाती है/ अशोक की दूकान सुबह ९ बजे खुलती और रात १० बजे बंद होती है दिन में २ बजे से ६ बजे तक तक घर आराम करता है/ उस वक्क्त में भी कॉलेज से आती हूँ / शादी के बाद से हमारी नजदीकियां और भी बड़ गयी / अब हम दोनों इकठा लंच करते थे/ में अगर लेट जाऊ मेरा इंतज़ार कर लेता / घर वाले सभी खुश/ की में उसकी मदद कर रही हूँ / अब हम दोनों एक ही कमरे बैठे रहते /कभी टीवी देखते कभी इधर उधर की बाते करते , कभी जोक्स सुनते सुनाते , अब तो हम सेक्स की बाते करने लगे थे / मेरे को उसने बताया की उसने कभी भी किसी लड़की के साथ न किस किया सेक्स किया स्नेह उसकी ज़िंदगी पहली लड़की थी/ इसलिए उसने दिल लगा ली/ फिर उसने मुझ से पुछा तो मेने भी सच सच बता दिया उसका दोस्त मेरी ज़िंदगी में पहला आदमी था / उसके साथ किस भी और सेक्स भी किया है /
फिर काफी देर तक दोनों बैठे रहे / वो बेड पर लेट गया / मुझे लगा वो नाराज़ है में भी उसके बगल में लेट गयी /उसके बाल सहलाने लगी/उसके गाल पे हाथ फेरने लगी / अचानक उसको जोश आया और उसने मुझ कस के पकड़ लिया , और किसिंग करण्ये लगा /पूरी तरह वो मेरे उप्पर लेटा था / चुचिओं (बूब्स) को दबा /मसल रहा था / मुझे भी लुत्फ़ आ रहा था क्योकि काफी दिन से एक ही कमरे और एकेले रहते रहते कुछ न कुछ हो ही जाता है / मेने जल्दी से उसके कपड़े उतरने शुरू कर दिए और उसने मेरे / अब दोनों नंगे बेड़ पर एक दूसरे से चिपके हुए एक दूसरे को चाट रहे थे/ मेरा हाथ सीधा उसके लण्ड पर गया वो मजबूती से खड़ा था / बहुत बड़ा साइज नहीं था यही कोई ५ इंच का होगा (तभी स्नेह भाभी भाग गयी ) खैर मुझे क्या लेना देना / मुझी फिलहाल अपना मज़ा लेना था/ मेने उसके लंड को पकड़ कर उप्पर नीचे किया, फिर मूह में डाल कर चूसने लगी / यह क्या वो तो डिस्चार्ज हो गया / ढीला पड़ गया / में समअज गयी की यह अब सेंटी हो जाए गा / अपने आप को कोसे गा / मेने होसला दिया कोई बात नहीं हम ४. /५ सेक्स करे गे तो प्रैक्टिस हो जाई गी / अगले दिन खाना खाने के बाद मेने उसके लण्ड की मालिश की पर वो फिर डिस्चार्ज हो गए / मेने अपनी चूत उसकी मूह की तरफ बोला अब इसको चाटो और लैंड अपने मूह में डाल कर फिर चूसने लगी / इस तरह उसका करने का टाइमिंग बढ़ने लगा / वो रोज़ मेरी चूत चाटता था और में लण्ड / फिर उसने मेरी चूत के अंदर लण्ड डालना शुरू किया फिर फिर जल्दी जड़ गया, लड़कोको इस बात का काम्प्लेक्स हो जाता है / मेने फिर उसको कहा अपनी दूकान से वियाग्रा ले कर आना / अगले दिन वो गोली लाया । खाना खाने के बाद उसको गोली खिला दी फिर थोड़ी देर बाद मेने कहा पहले तू मेरी चूत चाट ले तेरे में जोश ग / उसने वैसा ही किया जब अच्छी तरह से उसका लण्ड खड़ा हो गया तो मेने सीधा पकड़ के अपनी चूत में दाल दिया और बोला मेरे उप्पर लेट जा अभी तेज ढके नहीं मारना / पहले मेरे बूब्स को चूसो लण्ड को मेरी चूत पड़ा रहने दो / वो ठीक वैसा ही कर रहा था जैसा में कह रही थी / अब काफी तक बूब्स चूसने के बाद अब मेने कहा अब ढके मारो ,,,,,,अब वो खुश था क्योकि उसको लग गया की अब वो सही तरह से सेक्स कर सकता है। ।उस्के चेहरे पे ख़ुशी थी ,,,,कॉन्फिडेंस था ,,,,चलो बहन किसी बहाने भाई के काम तो आई ,,,,,,, यह सिलसिला २ साल चला किसी को भी घर नहीं पता चला ,,,,,मेरी भी शादी हो गयी उसकी दूसरी शादी हो गयी ,,,दोनों अपनी अपनी जगह खुश। ..........
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